HARIYALI TEEJ PUJA VIDHI
By Pandit Mukesh Shastri on 27 July 2025

हरियाली तीज पूजा विधि -
आज प्रातः सुबह जल्दी उठकर तिल और आंवला चूर्ण को जल मे डाल कर उस जल से स्नान करे
लाल वस्त्र धारण करके अपने पूजा स्थल पर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाये ।
आचमन और प्राणायाम करे ।
अब अपने सामने एक चौकी की स्थापना करे ।
चौकी के ऊपर केले के पत्तो से मंडप बनाये ।
उस चौकी पर एक सफेद और लाल कपडा बिछाये |स
फेद कपडे पर चावल से नौ ग्रह बनाये , तथा लाल कपडे पर षोडश मातृका गेंहूं से बनाये |
चौकी के एक तरफ चावल और फूल रखकर गणेश जी की स्थापना की जाती है|
दूसरी और गेंहूं रख कर कलश स्थापित करे |
कलश में जल भर कर रखे |
इसके बाद बालू मिट्टी से भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा ,गणेश जी। ऋद्धि सिद्धि,माता पार्वती की सखियो बनाये ,
उन प्रतिमा को और शिवलिंग को चौकी पर स्थापित करे ।
चौकी के सामने आटे से बना एक घी का दीपक जलाएं,
अब पहले आप माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा का संकल्प लें और बोले की मैं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए,पुत्र, पौत्र, सौभाग्य वृद्धि की कृपा प्राप्ति के लिए तीज का व्रत करने का संकल्प लेती हूं।
संकल्प के पश्चात सबसे पहले श्री गणेश जी का पंचोपचार पूजन करे |
श्री गणेश जी पर जल, रोली, मौली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लोंग, पान,चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा चढ़ाये |
इसके पश्चात कलश का पूजन भी श्री गणेश जी की पूजा के समान ही करे |
फिर नौ ग्रहों तथा सोलह माताओं की पूजा करे .
अब भगवान भोलेनाथ की और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करे ।
भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को गंगाजल,दूध,शहद,घी,इत्र, इत्यादि से स्नान करवाये ।
वस्त्र आदि अर्पण करके रोली, चन्दन, सिन्दुर, मेंहन्दी व काजल , श्रंगार की सोलह वस्तुओं से माता को सजाये |
भोलेनाथ को बिल्व पत्र, शमी पत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक ,मदार, कनेर, राई फूल अर्पण करे साथ की भोग के रूप में धतूरा, भाँग और श्रीफल महादेव को चढ़ाये ।
अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करे,पुष्पांजलि करे और क्षमा प्रार्थना करते हुए अपनी मनोकामना को पूर्ण करने की प्रार्थना करे |
भगवती-उमा की अर्चना के लिए निम्न मंत्रों का प्रयोग होता है- ऊँ उमायै नम:,ऊँ पार्वत्यै नम:, ऊँ जगद्धात्र्यै नम:, ऊँ जगत्प्रतिष्ठायै नम:, ऊँ शांतिरूपिण्यै नम:, ऊँ शिवायै नम:-
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-ऊँ हराय नम:, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ शम्भवे नम:, ऊँ शूलपाणये नम:, ऊँ पिनाकवृषे नम:, ऊँ शिवाय नम:, ऊँ पशुपतये नम:, ऊँ महादेवाय नम:
तीज का व्रत और पूजा को करने से कुंआरी युवतियों को मनचाहा वर मिलता है और सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है तथा शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं।